Join us on Facebook
Become a GFWA member

Site Announcements

Invitation to RPS SAVANA Allottees to join Case in NCDRC against RPS Infrastructures Ltd


Have you submitted a rating and reviewed your project?
Rate & Review your project now! Submit your project and review.
Read Reviews! Share your feedback!


** Enhanced EDC Stayed by High Court **

Forum email notifications...Please read !
Carpool from Greater Faridabad to Noida
Carpool from Greater Faridabad to GGN


Advertise with us

News feed, media related information on Greater Faridabad News and Development

Problem Solutions in Nayak Style- DC (FBD)

Postby yadav_ajay » Thu Jun 16, 2011 4:34 pm

Hi all,

Pls see the below news article (Source : Dainik Jagran Faridabad Edition 16.6.11), Our honorable DC giving solution of Problem on the spots and works in "NAYAK" Style of Anil Kapoor starer movie.

They are giving solution to all problems...that is very good and right step..
But officials are not listening to our complaints.
Either they don't want to listen our complaints or we are not able to justify our issues...???

नायक स्टाइल में डीसी ने कराया समाधान

सुशील भाटिया, फरीदाबाद : फिल्म 'नायक' में एक दिन के लिए सीएम बने अनिल कपूर ने जिस तरह नकारा अधिकारियों की एक-एक करके खबर लेते हैं, कुछ वही अंदाज बुधवार को 'प्रशासन आपके द्वार' में जिला उपायुक्त डा.प्रवीण कुमार का देखने को मिला।

जिला उपायुक्त ने गांव धौज के राजकीय स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में लोगों के बीच जा-जाकर उनकी समस्याएं सुनी, प्रार्थना पत्र व आवेदनों को देख-पढ़कर शिकायतों का समाधान कराया और नकारा अधिकारियों को फटकार लगाई।

मंच पर स्वास्थ्य अधिकारी के साथ उनकी तीखी झड़प भी होती है और जब लोगों को यह पता चलता है कि डीसी साहब उनकी शिकायतों की सुनवाई बखूबी कर रहे हैं, तब लोग तालियां बजाकर प्रसन्नता भी जाहिर करते हैं।

जिला उपायुक्त के आदेश पर स्कूल के प्रत्येक कमरे में विभिन्न विभागों के अधिकारी अपने स्टाफ के साथ मौजूद थे। ई दिशा एकल केंद्र पर जाति व रिहायशी प्रमाण पत्र साथ-साथ बन रहे थे। प्रमाणपत्र बनाने के लिए अगर किसी के पास शपथ पत्र नहीं था, तो उसे बनाने के लिए बकायदा मौके पर कंप्यूटराइज्ड सिस्टम उपलब्ध था।

जिला उपायुक्त के समक्ष जब सहायता राशि के आवेदन आए, तो उनके लिखित निर्देश पर मौके पर जिला रेडक्रास सोसाइटी ने घनश्याम धौज, संजीव एतमादपुर को 11-11 हजार रुपये, रतिराम पावटा को 6100 रुपये की राशि मौके पर दी गई।

दोपहर 12.30 बजे का वक्त है। जिला उपायुक्त घूम-घूमकर इन सभी विभागों की कार्यप्रणाली भी जांचतें हैं। कहीं वह स्टाफ को शाबाशी देते नजर आते हैं, तो कहीं गलती होने पर डांटते भी हैं और फिर समझाते भी हैं।

इस दौरान हाथों में एप्लीकेशन लिए बेबस ग्रामीण डीसी साहब के पीछे-पीछे हैं। हालांकि इनकी समस्याएं सुनने के लिए मंच पर वक्त निर्धारित है, लेकिन डीसी किसी को निराश नहीं करते और खड़े होकर ही समस्याएं सुनने लगे।

एक महिला असीदी व उनके पुत्र कैलाश शिकायत करते हैं कि उन्होंने बल्लभगढ़ में एक सूदखोर से नौ हजार रुपये कर्ज लिया था, उसके बाद वह 25 प्रतिशत ब्याज दर से 18 हजार रुपये से अधिक दे चुके हैं। अब सूदखोरों ने उनका एक मकान हड़प लिया है।

सूदखोरों से प्रताड़ित एक मामला अतुल गोयल बनियावाड़ा बल्लभगढ़ का आया। अपनी मां के साथ आए अतुल ने डीसी को बताया कि सूदखोरों से उन्होंने ढाई लाख रुपये लिए थे। मूल से ज्यादा ब्याज वह चुका चुके हैं, पर मूल अभी भी खड़ा है।

डीसी इन शिकायत को गंभीरता से लेते हुए संबंधित पुलिस स्टाफ को फोन पर आदेश देते हैं, साथ ही शिकायतकर्ताओं आश्वस्त करते हैं कि उन्हें न्याय मिलेगा।

डिपो होल्डर के खिलाफ एक शिकायत पर डीसी मौके पर ही उसका लाइसेंस रद करने के आदेश जारी करते हैं। वहीं गांव में पुलिस के संरक्षण में जुआ, सट्टा, मटका खिलाने की शिकायत भी आती हैं, जिस पर डीसी कड़ा संज्ञान लेते हैं।

डीसी और डिप्टी सीएमओ के बीच हुई तीखी झड़प

मंच पर विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने के मुद्दे पर डीसी और उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.अनूप कुमार के बीच तीखी झड़प हुई। डा.अनूप ने डीसी को बताना चाहा कि मौके पर 70 प्रतिशत विकलांगता प्रमाण पत्र बनाना संभव नहीं, क्योंकि प्राइमरी हेल्थ सेंटर में एक्सरे मशीन नहीं, जांचने के अन्य साधन नहीं। इस तरह के प्रकरण में दो डाक्टर पहले ही जेल जा चुके हैं, ऐसे में जेल कौन जाएगा आप या मैं। इस पर डीसी डा.प्रवीण कहते हैं कि अगर वह गलत काम कराएंगे, तो स्वयं जेल जाने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने ऐसे कोई आदेश नहीं दिए कि 70 प्रतिशत विकलांगता के प्रमाणपत्र बना दो। बल्कि उन्होंने तो यह कहा कि जांच कर जो हक बनता हो, वह काम किया जाए, लोगों को अनावश्यक चक्कर न काटने पड़े। करीब पांच मिनट तक दोनों ओर से वाद-प्रतिवाद होता है। डिप्टी सीएमओ डीसी की ओर मुखातिब होते हुए कहते हैं कि वह भी अधिकारी हैं, सबके सामने डीसी का इस तरह व्यवहार उचित नहीं है, वह यूनियन में, एसोसिएशन में जाएंगे। इस पर डीसी कहते हैं कि इस तरह धमकी देकर कोई अधिकारी उन्हें डरा नहीं सकता। वह जनता के हकों के लिए सारी कवायद कर रहे हैं। इस दौरान बात शटअप तक भी पहुंचती है, बाद में डिप्टी सीएमओ वहां से चले जाते हैं।

उधर इस बाबत बाद में डा.अनूप ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि एक सरपंच उन्हें फोन पर यह कहते हैं कि डीसी साहब नाराज हो रहे हैं, महिला का प्रमाणपत्र क्यों नहीं बना। जबकि विकलांगता प्रमाणपत्र के लिए कड़ी प्रक्रिया से गुजरना होता है। कई बार मामले को रोहतक मेडिकल या एम्स भी भेजना पड़ता है। फिर प्राइमरी हेल्थ सेंटर में एक्सरे मशीन ही नहीं है, तो प्रमाण पत्र कैसे बन जाएगा। डीसी साहब को यही व्यवहारिक जानकारी दे रहे थे, लेकिन वह कुछ सुनने को तैयार ही नहीं थे। इसके अलावा डीसी ने दो होम्योपैथिक डाक्टरों को बिना वजह डांट दिया, जब सरकार ने उन्हें लैपटाप दे नहीं रखे, तो वह कहां से लाएं।
User avatar
yadav_ajay
GFWA Member
GFWA Member
 
Posts: 423
Joined: Sun Sep 05, 2010 6:53 pm

Return to Media Corner

 


  • Related topics
    Replies
    Views
    Last post

Who is online

Users browsing this forum: No registered users and 1 guest

cron