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मेट्रो के 20 पिलर्स की पाइलिंग का काम पूरा
May 24, 2012, 09.00AM IST
एनबीटी न्यूज ॥ फरीदाबाद : बदरपुर से वाईएमसीए तक मेट्रो के विस्तार की प्रक्रिया के तहत अभी तक लगभग 80 पॉइंटों पर पाइलिंग का काम पूरा किया जा चुका है। अब कॉरिडोर का निर्माण करने वाली कंपनी जल्द ही पिलरों के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू करने जा रही है। डीएमआरसी के अधिकारियों की मानें तो अगले महीने से शुरुआती सप्ताह से पिलरों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। डीएमआरसी और हूडा के अधिकारियों के साथ एनएचएआई के अधिकारियों ने भी कंस्ट्रक्शन साइटों का दौरा किया। मेट्रो कॉरिडोर के लिए 500 पिलरों का निर्माण किया जाना है और एक पिलर के लिए 4 पॉइंटों पर पाइलिंग की जा रही है। अभी तक कंपनी 80 पॉइंटों पर यानी 20 पिलरों के लिए पाइलिंग का काम पूरा कर चुकी है। मेट्रो कंस्ट्रक्शन के काम और अलाइनमेंट की सही स्थिति का जायजा लेने के लिए डीएमआरसी के इंजीनियर मनोज वाजपेयी , डीटीपी फरीदाबाद संजीव मान और एनएचएआई के प्रोजेक्ट ऑफिसर अरुण जग्गा ने कंस्ट्रक्शन साइटों का दौरा किया। डीएमआरसी के प्रवक्ता हिमांशु का कहना है कि 80 पॉइंटों पर पाइलिंग का काम पूरा हो चुका है।
Secretariat-Kashmere Gate Metro line by 2015
Rajeev Vaid | May 26, 2012
The 9.37 km Central Secretariat-Kashmere Gate corridor, part of Rs.37, 736 crore Phase-III project of the Delhi Metro, could be commissioned by 2015, Chief Minister Sheila Dikshit said on Friday. The new corridor will be an extension of the Central Secretariat-Badarpur line.
Dikshit, accompanied by Delhi Metro Rail Corporation managing director Mangu Singh and other officials, was speaking to the media after inspecting the progress of the Central Secretariat-Kashmere Gate corridor work.
The present Central Secretariat-Badarpur corridor will be extended on both sides, connecting Kashmere Gate in Delhi to Faridabad’s YMCA Chowk. It will not only establish a Metro link between Delhi and Faridabad, but also relieve pressure on key stations like Rajiv Chowk, Central Secretariat and Kashmere Gate.
The Delhi Metro will also link Mukundpur to Yamuna Vihar, Janakpuri West to Kalindi Kunj, and Jahangirpuri to Badli – besides Central Secretariat to Kashmere Gate – upon the completion of Phase-III.
Dikshit said the new route length of more than 103 km under Phase-III would bring city colonies closer to one another.
मेट्रो कॉरिडोर का बदलेगा अलाइनमेंट
Story Update : Sunday, June 17, 2012 12:01 AM
फरीदाबाद। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) बदरपुर से वाईएमसीए तक बनने वाले मेट्रो कॉरिडोर के अलाइनमेंट में बदलाव कर सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग-दो के सिक्स लेन प्रोजेक्ट से तीस मीटर दूरी से अब मेट्रो कॉरिडोर को ले जाने का दबाव बन रहा है। अलाइनमेंट में बदलाव से मेट्रो कॉरिडोर प्रोजेक्ट की लागत पर तो असर पड़ेगा ही, प्रोजेक्ट तैयार होने में भी देरी हो सकती है।
राष्ट्रीय राजमार्ग-दो के किनारे लाई जा रही 13.875 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन का प्रदेश सरकार दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के सहयोग से निर्माण करा रही है। इस योजना पर कुल 2,494 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। इसमें से 1557.40 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार खर्च करेगी, लेकिन इस अलाइनमेंट पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) आपत्ति जता रहा है, क्याेंकि कहीं-कहीं पर मेट्रो लाइन एनएच से 26, 28 व 30 मीटर की दूरी से गुजारी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इस विवाद को अब सभी विभागों के उच्च अधिकारियोें की बैठक में निपटा लिया गया है। अब राष्ट्रीय राजमार्ग-दो से 30 मीटर दूरी से मेट्रो लाइन का निर्माण किया जाएगा। ऐसे में इस निर्णय के बाद डीएमआरसी के अब अपने अलाइनमेंट में बदलाव की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। ऐसे में प्रोजेक्ट को पूरा करने में देरी होने के साथ प्रोजेक्ट की लागत पर भी इसका असर पड़ेगा। पहले यह प्रोजेक्ट 2014 तक पूरा किया जाना था।
मेट्रो इंजीनियरिंग विंग के वरिष्ठ अधिकारी आईपी सिंह ने बताया कि एनएच-दो से 30 मीटर दूरी पर ही मेट्रो रेल का निर्माण कार्य किया जा रहा था। कुछ जगहों पर दिक्कत थी, जिसे आसानी से दूर कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ जगहों पर चार से पांच मीटर तक मेट्रो लाइन को एनएच-दो पर पीछे किया गया है।
एसटीपी गीता प्रकाश ने बताया कि बदरपुर से वाईएमसीए तक करीब तीन से चार जगहों पर मेट्रो अलाइनमेंट को लेकर विवाद था, क्योंकि एनएच-2 का रास्ता थोड़ा सा घुमावदार है। ऐसे में मेट्रो अलाइनमेंट में कुछ जगहों पर मार्ग से 26 व 28 मीटर पर लाइन जा रही थी, जिसे उच्च अधिकारियों की बैठक में सुलझा लिया गया है। अब मेट्रो निर्माण व एनएच-दो सिक्स लेन दोनों प्रोजेक्ट का रास्ता पूरी तरह से साफ है।
जमीन से 29 मीटर ऊपर दौड़ाने की तैयारी
Story Update : Thursday, June 21, 2012 12:01 AM
फरीदाबाद। एनसीआर की सबसे ऊंची मेट्रो रेल लाइन फरीराबाद में हो सकती है। क्योंकि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की लिंक लाइन प्रोजेक्ट और बदरपुर से वाईएमसीए मेट्रो कॉरिडोर प्रोजेक्ट आपस में टकरा रहे हैं। फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने इस बारे में डीएमआरसी अधिकारियों से बात कर मेट्रो लाइन की ऊंचाई बढ़ाने को कहा है। मेट्रो को ऐसे में 19 मीटर ऊंचाई और बढ़ानी पड़ेगी और तब एनएचपीसी चौक और बड़खल चौक के बीच मेट्रो 29 मीटर ऊंचाई पर दौड़ेगी।
बदरपुर से वाईएमसीए मेट्रो कॉरिडोर पर मेट्रो का कार्य शुरू हो चुका है। 13.875 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट के रास्ते में दिल्ली-मुंबई डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की लिंक लाइन आ रही है।
फ्रेट कॉरिडोर की लिंक लाइन को भूपानी से एलिवेटेड ट्रैक के माध्यम से आगरा कैनाल, गुड़गांव कैनाल, बाईपास रोड के ऊपर से होते हुए सेक्टर-28, 29, 30, 31 की डिवाइडिंग रोड के रास्ते एनएच-2 के ऊपर से गुजारा जाएगा। एनएच-2 पार करते ही इस लिंक लाइन को दिल्ली-मथुरा रेलवे लाइन के किनारे-किनारे तुगलकाबाद कंटेनर डिपो तक ले जाने की योजना है।
फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट अधिकारियों की मानें तो एलिवेटेड ट्रैक को आठ मीटर की ऊंचाई से ले जाने से एनएच-2 को कोई खतरा नहीं होगा। क्योंकि एनएच के नियमों के हिसाब से 6 मीटर ऊंचाई से इसे गुजारा जा सकता है। लेकिन 10 मीटर ऊंचाई पर बनने वाली मेट्रो रेल की लाइन के कारण दिक्कत आएगी। क्योंकि आठ मीटर ऊंची एलिवेटेड ट्रैक की होगी। उसके बाद डबल डेकर मालगाड़ी की ऊंचाई भी करीब 8 मीटर होगी। इसके बाद एक से दो मीटर ऊंचाई पर ओएचई (ओवर हेड इलेक्ट्रिक) लाइन को गुजारा जाएगा। ऐसे में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन(डीएमआरसी) प्रशासन से मेट्रो लाइन की ऊंचाई को वर्तमान प्रोजेक्ट से 19 मीटर ऊपर ले जाने को कहा है।
डीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए मेट्रो कॉरिडोर के अलाइनमेंट में बदलाव हुआ तो एनएचपीसी व बड़खल मेट्रो स्टेशन के बीच मेेट्रो लाइन बिछाने के लिए करीब 29 मीटर की ऊंचाई से मेट्रो को गुजारना पड़ेगा। अगर ऐसा हुआ तो यहां पर एनसीआर में सबसे ऊंची मेट्रो लाइन होगी। अभी तक 20 मीटर ऊंचाई पर कड़कड़डुमा मेट्रो लाइन मौजूद है। जबकि धौलाकुआं पर 23 मीटर ऊंचाई पर मेट्रो लाइन बिछाने का काम जारी है।
डीएमआरसी के तकनीकी विंग के अधिकारियों के साथ इस मामले पर बातचीत जारी है। जल्द ही किसी ठोस निर्णय पर पहुंच जाएंगे।
-हरि मोहन, चीफ प्रोजेक्ट आफिसर, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर।
मेट्रो प्रशासन की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार का निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन दोनों प्रोजेक्ट के अधिकारियों के बीच बातचीत जारी है। अगर कोई निर्णय हुआ तो डीएमआरसी मेट्रो लाइन की ऊंचाई को बढ़ा सकते हैं। यह फैसला इंजीनियरिंग विंग के अधिकारी लेंगे।
-हिमांशु शर्मा, प्रवक्ता डीएमआरसी।
वाइएमसीए से कश्मीरी गेट तक नॉन स्टाप मेट्रो
Jun 20, 08:21 pm
जागरण संवाद केंद्र, फरीदाबाद : वाइएमसीए तक मेट्रो आ जाने के बाद आप यहां से कश्मीरी गेट सीधे जा सकेंगे। उसके लिए रास्ते में कहीं भी ट्रेन बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन की ओर से केंद्रीय सचिवालय से कश्मीरी गेट कॉरीडोर को जोड़े जाने के बाद फरीदाबाद के लोगों को इसका फायदा होगा।
बदरपुर से वाइएमसीए तक करीब 13 किलोमीटर लंबी लाइन तैयार होने के बाद उसे दिल्ली के बदरपुर मेट्रो स्टेशन से जोड़ा जाएगा, जोकि केंद्रीय सचिवालय तक जाती है। उसके बाद दिल्ली में आगे कहीं जाने के लिए केंद्रीय सचिवालय स्टेशन से ट्रेन बदलनी पड़ती है। अब डीएमआरसी की ओर से तैयार किए जा रहे कश्मीरी गेट कॉरीडोर को केंद्रीय सचिवालय से जोड़े जाने के बाद कश्मीरी गेट तक जाने के लिए वाइएमसीए से सीधी रेल मिलेगी। उसके लिए लोगों को कहीं कोई ट्रेन नहीं बदलनी पड़ेगी। डीएमआरसी प्रवक्ता हिमांगशु शर्मा ने बताया कि कश्मीरी गेट कॉरीडोर पर सात स्टेशन हैं, जिनमें जनपथ, मंडी हाउस, आइटीओ, दिल्ली गेट, जामा मस्जिद, लाल किला व कश्मीरी गेट। ऐसे में फरीदाबाद वाइएमसीए से यात्रियों को इन स्टेशनों तक जाने में आसानी हो जाएगी। यही नहीं, यात्रियों को कश्मीरी गेट के बाद इस लाइन पर दो और इंटरचेंज मिलेंगे-मंडी हाउस और कश्मीरी गेट। वे यहां से दिल्ली मेट्रो के अन्य किसी स्टेशन के लिए भी ट्रेन पकड़ सकेंगे। श्री शर्मा के अनुसार वाइएमसीए से कश्मीरी गेट तक एक लाइन हो जाने के बाद इस रूट पर यातायात व्यवस्था में काफी सुधार होगा क्योंकि यह एक व्यस्त यातायात रूट है।
उधर, बदरपुर बार्डर से वाइएमसीए तक मेट्रो निर्माण कार्य में बड़े-बड़े पेड़ों के कारण काम की रफ्तार धीमी पड़ गई है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) को पर्यावरण मंत्रालय से अभी इन पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं मिल पाई है। विभाग अभी तक करीब 150 पिलरों के लिए पाइलिंग का काम पूरा कर सका है। घने पेड़ों के कारण अन्य स्थानों पर काम शुरू नहीं हो पा रहा है। मेट्रो निर्माण कार्य की शुरुआत के साथ ही इसमें अड़चन आनी शुरू हो गई थी। निर्माण कार्य का शुभारंभ होते ही एनएचएआइ ने उसमें अड़ंगा लगा दिया था, जिससे कई दिन काम प्रभावित रहा। एनएचएआइ विवाद ठंडा होने के कारण मेट्रो के काम ने थोड़ी रफ्तार पकड़ी, तो अब राजमार्ग के किनारे ग्रीन बेल्ट पर बने हरे-भरे घने वृक्षों ने काम में रुकावट पैदा कर दी है। उन्होंने बताया कि पेड़ काटने के लिए प्रस्ताव बनाकर पर्यावरण मंत्रालय को भेजा गया है। वहां से अनुमति मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल काम जल्द पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि पेड़ काटने की अनुमति मिलने के बाद दूसरे स्थानों पर काम शुरू किया जा सके।
मना करने वाले किसानों की होगी काउंसलिंग
Story Update : Monday, September 10, 2012 12:01 AM
फरीदाबाद। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) मेट्रो स्टेशनों की जमीन का अधिग्रहण करने से पहले किसानों की काउंसलिंग कर उन्हें रिझाने का प्रयास करने जा रहा है, जिससे जमीन अधिग्रहण में किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। क्योंकि जमीन अधिग्रहण के लिए हुडा की ओर से जारी किए गए सेक्शन-चार के नोटिस पर 22 किसानों ने आपत्ति दर्ज कराई है।
बदरपुर-वाइएमसीए तक 13.875 किलोमीटर लंबे मेट्रो कॉरिडोर पर 9 स्टेशनों का निर्माण किया जाना है। स्टेशनों के निर्माण के लिए हुडा को करीब 23 एकड़ जमीन की आवश्यकता है, जिसमें अधिकांश जमीन तो हुडा पहले ही अधिग्रहण कर चुका है। लेकिन, 11.17 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने के लिए हुडा अधिकारियों को मशक्कत करनी पड़ रही है। इसको लेकर पिछले दिनों हुडा ने सेक्शन-4 का नोटिस जारी कर लोगों से आपत्तियां मांगी हैं।
विभागीय जानकार बताते हैं कि करीब 22 लोगों ने जमीन अधिग्रहण पर एतराज जताते हुए हुडा को आपत्ति भेजी है। हुडा अधिकारी जल्द से जल्द इन आपत्तियाें को दूर करने की जुगत में लग गए हैं। सोमवार को आपत्तियों पर चर्चा शुरू करने का निर्णय लिया गया है। अगले 10 दिनाें तक आपत्तियां सुनी जाएंगी और उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
उसके बाद सेक्शन 6 लागू करने की प्रक्रिया शुरु कर जमीन अधिग्रहण करने की घोषणा कर दी जाएगी। जिसके बाद सेक्शन 9 लागू कर मुआवजे का एलान कर दिया जाएगा।
हुडा भूमि अर्जन अधिकारी राजेंद्र सिंह गहलोत ने बताया कि किसानों की काउंसलिंग करके बताया जाएगा कि यह सार्वजनिक हित की योजना है। इसका काम भी शुरू हो चुका है। इससे हर एक आदमी को लाभ होगा।
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कहां कितनी जमीन का होगा अधिग्रहण
मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले नौ स्टेशनों में केवल न्यू टाउन (बाटा) स्टेशन ही ऐसा है, जहां पर हुडा को जमीन अधिग्रहण की जरूरत नहीं है। जबकि सराय ख्वाजा में 3.44 एकड़, एनएचपीसी चौके पर 1.07 एकड़, मेवला महाराजपुर में 1.68 एकड़, सेक्टर-27 ए में 0.55 एकड़, बड़खल चौक पर 0.74 एकड़, ओल्ड चौक पर 0.05 एकड़, अजरौंदा चौक पर 1.20 एकड़, वाईएमसीए चौक पर 2.44 एकड़ जमीन की आवश्यकता है।
आज से शुरू होगी आपत्तियों पर चर्चा
Sep 10, 2012, 08.00AM IST
एनबीटी न्यूज ॥ फरीदाबाद
मेट्रो स्टेशनों के लिए जमीन एक्वायर करने के लिए आई आपत्तियों के निपटारे के लिए हूडा आज से सभी आपत्तियों पर चर्चा शुरू करेगा। अगले 10 दिन तक सभी 22 आपत्तियों को सुनने के बाद हूडा जमीन एक्वायर करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए सेक्शन 6 लागू करेगा।
जमीन एक्वायर करने के लिए पिछले दिनों हूडा ने सेक्शन 4 लागू कर लोगों से आपत्तियां मांगी थी। शहर में 22 लोगों ने जमीन एक्वायर करने पर आपत्ति दर्ज कराई है। हूडा जल्द से जल्द आपत्तियों को दूर करने के लिए सोमवार को आपत्तियों पर चर्चा शुरू करेगा। हूडा अधिकारियों के अनुसार अगले 10 दिनों तक आपत्तियां सुनी जाएंगी और उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा। उसके बाद सेक्शन 6 लागू कर जमीन एक्वायर करने की घोषणा कर दी जाएगी और फिर सेक्शन 9 लागू कर मुआवजे की घोषणा कर जमीन एक्वायर की ली जाएगी। हूडा भूमि अर्जन अधिकारी राजेंद्र सिंह गहलोत का कहना है कि अगले 10 दिनों में सभी आपत्तियों को सुनने के बाद सेक्शन 6 लागू की जाएगी और जल्द ही जमीन एक्वायर करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
कहां कितना होना है अधिग्रहण : सराय ख्वाजा मेट्रो स्टेशन के लिए 3.44 एकड़, एनएचपीसी चौके मेट्रो स्टेशन के लिए 1.07 एकड़, मेवला महाराजपुर के लिए 1.68 एकड़, सेक्टर 27 ए के लिए 0.55 एकड़, बड़खल मेट्रो स्टेशन के लिए 0.74 एकड़, ओल्ड फरीदाबाद के लिए 0.05 एकड़, अजरौंदा मेट्रो स्टेशन के लिए 1.20 एकड़ और वाईएमसीए मेट्रो स्टेशन के लिए 2.44 एकड़ जमीन एक्वायर करने की जरूरत है।
मेट्रो स्टेशनों के जमीन अधिग्रहण करने को मंजूरी
एनबीटी न्यूज॥ फरीदाबाद
मेट्रो स्टेशनों और पार्किंग के लिए डीएमआरसी को मिलने वाली जमीन की राह काफी आसान हो गई है। हूडा कार्यालय में सोमवार को हुई मीटिंग में संयुक्त निरीक्षण कमिटी ने जमीन का अधिग्रहण करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। मंगलवार को जमीन अधिग्रहण करने के लिए सेक्शन-6 का नोटिस तैयार करके उच्च अधिकारियों के पास भेज दिया जाएगा। वहां से एक महीने में सेक्शन-6 लागू करने की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद मुआवजा घोषित करके हूडा जमीन का अधिग्रहण कर लेगा।
गौरतलब है कि मेट्रो स्टेशनों के लिए डीएमआरसी को लगभग 23 एकड़ जमीन की जरूरत है। इसमें से काफी जमीन पहले से हूडा के पास है, जिसे डीएमआरसी को सौंप दिया गया है। इसके बावजूद अब भी स्टेशनों और पार्किंग बनाने के लिए हूडा को करीब 11.6 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना है। इसके लिए पिछले दिनों सेक्शन-4 लागू कर दिया गया था, जिसमें 22 लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई थीं। इन आपत्तियों का पूरी तरह से रिव्यू करने के बाद अब जल्द से जल्द सेक्शन-6 लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सोमवार को हूडा कार्यालय में हूडा प्रशासक एन. के. सोलंकी की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। इसमें सीनियर टाउन प्लानर कमल कुमार सैनी, डीटीपी संजीव मान, एसई टी. डी. चोपड़ा, एलएओ राजेंद्र सिंह गहलोत और डीएमआरसी के 2 अधिकारी मौजूद थे। मीटिंग में संयुक्त निरीक्षण कमिटी ने मेट्रो स्टेशनों के लिए एक्वायर की जाने वाली जमीन के लिए सेक्शन-6 लागू करने की मंजूरी दे दी है। मंगलवार को रिपोर्ट तैयार करके उच्च अधिकारियों के पास भेज दी जाएगी। हूडा अधिकारियों के मुताबिक, एक महीने में सेक्शन-6 लागू और मुआवजा की घोषणा कर दी जाएगी।
हूडा प्रशासक एन. के. सोलंकी के मुताबिक, मीटिंग में सभी आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए तय किया गया कि किस जगह पर पार्किंग व स्टेशनों के लिए कितनी जमीन चाहिए। संबंधित अधिकारियों को मंगलवार सुबह तक पूरी रिपोर्ट और सेक्शन-6 का नोटिस तैयार करके उच्च अधिकारियों के पास भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
मेट्रो का रास्ता साफ, हटाए जाएंगे पेड़
सचिन हुड्डा ॥ फरीदाबाद
मेट्रो निर्माण के रास्ते में आने वाले पेड़ों के बदले लगाए जाने वाले पौधों के लिए जमीन पर सरकार ने सहमति दे दी है। हूडा अधिकारियों के मुताबिक, इस सप्ताह के अंत तक उनके पास सरकार की तरफ से आदेश आ जाएगा। इसके बाद वन विभाग को जमीन ट्रांसफर कर दी जाएगी।
बता दें कि बदरपुर से वाईएमसीए तक 13.87 किलोमीटर लंबा मेट्रो कॉरिडोर बनाया जाना है। नैशनल हाइवे पर लगे पेड़ निर्माण कार्य में बाधा बने हुए हैं। मेट्रो का रास्ता साफ करने के लिए लगभग 3 हजार पेड़ों को काटने की जरूरत है। पेड़ काटने के लिए डीएमआरसी और हूडा ने काफी पहले वन विभाग से मंजूरी मांगी थी, लेकिन मंजूरी नहीं मिली। वन विभाग के अधिकारियों का कहना था कि हमारे पास पर्यावरण मंत्रालय का आदेश आया है कि जब तक काटे जाने वाले पेड़ों के बदले नए पौधे लगाने के लिए जमीन नहीं मिलती, तब तक पेड़ काटने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। वन विभाग ने हूडा से पौधे लगाने के लिए लगभग 75 एकड़ जमीन मांगी थी, जिस पर लगभग 30 हजार पौधे लगाए जाने हैं। हूडा अधिकारियों ने अंनगपुर में वन विभाग को जमीन उपलब्ध कराने के लिए सरकार के पास प्रपोजल भेजा था। सरकार ने जमीन देने पर सहमति दे दी है, अब जल्द ही वन विभाग को जमीन देने का आदेश हूडा अधिकारियों के पास आ जाएगा।
हूडा प्रशासक एन. के. सोलंकी ने बताया कि मेट्रो के रास्ते में आने वाले पेड़ों को काटने के बदले लगाए जाने वाले नए पौधों के लिए वन विभाग को लगभग 75 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि जमीन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने अपनी सहमति जता दी है, इस सप्ताह के अंत तक हमारे पास सरकार के आदेश आ जाएगा। इसके बाद जमीन वन विभाग को सौंप दी जाएगी और पेड़ काटने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
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